तुमसे मुहब्बत करके अपने आप से रूठ चूका हु मै,
तुमसे मुहब्बत करके अपने आप से रूठ चूका हु मै,
अब ना कुछ दिखाई देता है,
अब ना कुछ सुनाई देता है,
मै नाक़ाबिल हु नाक़ाबिल सही,
मुझे अकेला रहना दो,
ये नाक़ाबिल तुम्हे रब की दुहाई देता है।
Written By...................
Ghanshyam Choudhary

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