Bewafa Shayri 2020



वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,

इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।

............................................................................

बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले,
बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं।

............................................................................

यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही,
दूर वो मुझसे है पर मैं उस से नाराज नहीं,
मालूम है अब भी मोहब्बत करता है वो मुझसे,
वो थोड़ा सा जिद्दी है लेकिन बेवफा नहीं।

...........................................................................

बहुत अजीब था वो हिज्र का आलम,
कि तुझे अलविदा भी न कह सका,
तेरी मासूमियत में इतना फ़रेब था
कि तुझे बेवफ़ा भी न कह सका।

.........................................................................

जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है,
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है,
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है…

............................................................................


प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना;

अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना;
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे;
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना।

--------------------------------------------------------------

मैंने भी किसी से प्यार किया था
उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था
जो एक बेवफा से प्यार किया था !!
---------------------------------------------------------------

चलो छोड़ो ये बहस कि वफ़ा किसने की
और बेवफा कौन है 
तुम तो ये बताओ कि आज 'तन्हा' कौन है !!

-------------------------------------------------------------------

ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने !
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने !
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!

---------------------------------------------------------------------

क्यों जिंदगी इस तरह तुम दूर हो गए 
क्या बात है जो इस तरह मगरूर हो गए। 
हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को 
बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए।।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ