एक लड़की है जो मुझपे भी मरती है,
कभी करती है वादे,
कभी प्यार की कसमें निभाती है,
कभी खफा हो जो मुझसे,
खामोशी उसकी उसके दिल का हाल बताती है,
आती है वो मेरे सपने में,
मेरे चेहरे की मुस्कान बनकर,
उसकी आदतें नजर है मुझमें,
मेरी शख्सियत की पहचान बन कर,
कभी रूठाती है मुझे,
कभी मनाने को मुझे स्कीम बनाती है,
जब कोई पूछता है उसको मेरे बारे में,
शरमाते हुए वो मेरा नाम बताती है,
मेरे घरवालों की वो अपनों जैसी इज़्ज़त करती है,
एक लड़की है यारो जो मुझपे भी मरती है,
अगर कभी उसकी सहेलियों में मेरे नाम का ज़िक्र होता है,
अक्सर उसकी बातो मै मेरा फिक्र होता है,
ओर मै ती शुरू से ही अलबेला छेल दीवाना हूं,
पता नहीं क्यों वो मुझे कहने से डरती है,
एक लड़की है यारो जो मुझपे मरती है।
Written By…..............
Ghanshyam Choudhary
0 टिप्पणियाँ
If you have any doubts. Please let me know.