आँखों की तेरी मस्तियाँ देख डूब जाने को दिल करता है,
सूरत तेरी खूबसूरत से खूबसूरत, जैसे गगन में सूरज चमकता है,
अकड़ता है कभी चाँद भी मुझसे, कभी अपनी दमक पर इठलाता है,
करता हूँ जो ज़िक्र तेरा ये चाँद भी शर्माता है,
घबराता है ये दिल कभी कभी आहे भरता है,
तुझसे मुहब्बत है सच्ची मेरी, फिर भी इज़हार से डरता है.
https://godfathervoiceofsoul.blogspot.com/
सूरत तेरी खूबसूरत से खूबसूरत, जैसे गगन में सूरज चमकता है,
अकड़ता है कभी चाँद भी मुझसे, कभी अपनी दमक पर इठलाता है,
करता हूँ जो ज़िक्र तेरा ये चाँद भी शर्माता है,
घबराता है ये दिल कभी कभी आहे भरता है,
तुझसे मुहब्बत है सच्ची मेरी, फिर भी इज़हार से डरता है.
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