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                                         तुम हक़ीक़त, कभी ख्वाब लगती हो
तू दूर नहीं है मुझसे , हर पल मेरे पास है
वाकिफ हूँ तेरी हरकतों से
मेरी जान अभी हम ज़िंदा है
इसलिए आगे से बकवास नहीं
रूठा हु मैं अभी हारा नहीं हूँ
ये दिल तुझसे मिलने को तरसता है
विश्वास एक एहसास
भाई बरगा हथियार कोन्या
जोश होता था जिसकी आंखों में कभी
तुमसे जो मोहब्बत बेवजह हो गई
जिस्म के भुखे नहीं हम
नफ़रत हो गई है मुझे तेरे नाम से
तू कहे तो हस्ते हुए मर जाऊंगा
दिल की किताब बंद कर रख दी मैने
अब उनकी यादों में खोया नहीं जाता
ये मेरी मां की महरबानी है
दूर ना जाओ छोड़ कर
मेरा ज़माना आयेगा सबका हिसाब होगा
दुनिया ची चर्चा मेरा शरे आम देख ले
अब वजह नहीं है उसके पास जाने की
मेरी मां ही मेरी मोहब्बत है
पोस्ट मेरी ओरिजिनल है
मेरी मां के सपने से मै रूठ नहीं सकता
ठीक है लो मै हार चुका हूं
अब वजह नहीं है उसके पास जाने की
तन्हाई मुझे अच्छी लगती है
उसके बोले हुए कुछ, मेरी ज़ुबान पे साज रहते है
मेरी बेवफाई में वो वफ़ा ढूंढ़ती है
तेरे साथ मोहब्बत निभाने को दिल चाहता है
 ज़र ज़र हुई पडी है यारो हालत मेरे मकान की
आँखों की तेरी मस्तियाँ देख डूब जाने को दिल करता है,
माँ के खून के आंसू
माँ का दर्द
मुस्कुराहटो में तेरे अलग सी ख़ुशी है
आज फिर बरसात आई है, लगता है उन्हें फिर हमारी याद आई है।।
कभी सुनहरी सी  सुबह कोई, कभी हसीं  शाम लगती हो
आज कल कुछ ऐसा तेरा इश्क़ का खुमार चढ़ने लगा है
मुझे तन्हाईयों में अक्सर तेरा नाम याद आता है