Romentic Shayri





















घबरा कर पलट जाऊं, मैं वो शख्स नहीं,
इंसान मैं खरा हूँ, किसी गलती का अक्ष नहीं,
मोहब्बत के दरिया में गुस्सा तेरा बह जाएगा,
तेरे लिए तेरे दीवाना हर ज़ख्म सह जाएगा,

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