माना आज मै आम हूं,
कल ख़ास बन जाऊंगा,
आज हर गया तो क्या हुआ,
कल शाहबाज बन जाऊंगा,
मेरी अगर कोई ओकात नहीं आज,
तो तेरा दीदार भी मयस्सर नहीं,
थोड़ा वक़्त और रुक,
तेरी महफ़िल का ताज बन जाऊंगा।।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ