Sorry Shayri







पर तेरी मोहब्बत मुझे बदलने नहीं देती,
ठोकर तो बहोत खाई है मने भी,
तेरी परवाह मुझे सम्भलने  नहीं देती,
क्यों डरु मै तुझे खोने के डर से,
जब तेरी रूह मुझसे कभी जुदा हो नहीं सकती।



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माना हुई है गलती मुझसे,
उसे माफ़ कर दो ना,
अरदास तुझसे की है मैंने खुदा को छोड़ के,
 कुछ खुशियाँ झोली में, मेरी भी भर दोना,



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